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परिचय –
इश्क़ जब रूह से जुड़ता है, तो न शिकायत बचती है, और ना ही सज़ा।
बस एक ख़ामोशी इंतज़ार करते रह जाती है...
💭दिल में तो कभी मुस्कान में छुपी ग़म,
न जाने कहाँ हमारी राहत किसी गेसुओं की छांव में कैसे विलुप्त हो जाती है!
💔 हमारी कविता उस आशिक़ की दास्तान है,
जो जुदाई में भी वफ़ा से डटा हुआ है,
और उसके छूने भर से मिट जाने का सुकून है।
🌙 "छांव तेरी गेसुओं की" —
एक ऐसी मोहब्बत की तस्वीर है,
जहां हर दर्द, हर शिकवा इबादत बन जाती है।
✨ – हमारी✍️ रूह से निकली एक मोहब्बत भरी पेशकश ✨आओ शुरू करे!
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🌙 छांव तेरी गेसुओं की
कविता के प्रमुख बिंदु लिखे गए हैं:
1. नफरत से नफरत खत्म नहीं होती – कविता की शुरुआत एक गहरे सामाजिक संदेश से होती है कि नफरत का जवाब नफरत नहीं हो सकता।
2. अप्रकट प्रेम और तड़प – कवि उस प्रेम को दर्शाता है जो सामने होते हुए भी कभी पूरा नहीं हो पाया।
3. आंतरिक पीड़ा और घुटन – कवि अपने दर्द को "कफन की लिवाज़" और "दफन होकर जीना" जैसे प्रतीकों से व्यक्त करता है।
4. दोष के बावजूद प्रेम – प्रिय की गलतियों को चूमते हुए, कवि क्षमा और समर्पण की भावना दर्शाता है।
5. आखिरी क्षणों का सुकून – मृत्यु की ओर बढ़ते हुए भी कवि अपने प्रिय की बाहों में सुकून ढूंढ़ता है।
6. आत्मा की तलाश और जुड़ाव – कवि अपने प्रिय में खुद को खोजता है, उसे ही अपना मकान, मंज़िल और संसार मानता है।
7. उम्मीद और प्रतीक्षा – "दिए जला के चौखट पे" जैसे भाव कविता में प्रतीक्षा और आशा का भाव दर्शाते हैं।
8. गहराई से भरा आत्मिक प्रेम – यह कविता एक आत्मिक, निःस्वार्थ और अनंत प्रेम का प्रतीक है।
🌿 अगर ये कविता आपके मन को छू गई हो,
तो नीचे दी गई और रचनाएं भी आपके दिल को ज़रूर छुएंगी... 💭💚
👇👇📚✨
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- अनुभवों की सदाकत- जहाँ हर शब्द जीवन की गवाही बनती है- सामाजिक कविता:-अनुभवों की सदाकत एक सामाजिक कविता जो, जीवन के सत्य, भावनाओं और समाज की उलझनों को अनुभवों की रोशनी में प्रस्तुत करती है।
My poetry is in English language from my Hindi Content for better understanding with collaboration.👇
Search of You
👉Hatred cannot erase hatred,
One cannot build a home by setting another’s on fire.
👉Who really wants to walk away from you?
Anyone you touch feels drawn to death.
👉I know your every move,
Who would dare take you home?
👉Even mirrors have started telling the truth now,
And you wish to hide behind veils.
👉To speak the truth, I’m buried yet alive—
Sitting beside you,
Stitching together my own shroud.
👉You kept smiling at me,
While I was living my final days.
👉Perhaps my misfortune will deny me even a shoulder to rest upon,
Yet how peacefully,
I’m sleeping in your arms.
👉What complaint shall I have with the world,
When I’m slowly dying inside your helplessness?
👉If you touch me,
I might disappear too—
Yet in this world,
I keep looking for the traces of your footsteps.
👉Beneath the shadows of your tresses,
I am searching for my home.
👉I'm not leaving this place for nothing,
In your love,
I am weaving beautiful dreams.
👉Forget the hatred,
Hold me close to your heart,
I’m kissing even your mistakes.
👉Lighting lamps at your doorstep,
I’m waiting to hear your knock.
👉There’s peace in knowing you are mine—
I’m searching for you within myself.
By Kumar ✍️Gupta
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