कविता के माध्यम से, समाज का मार्गदर्शन!

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✍️ कुमार गुप्ता

नोक-झोक: कल की मीठी-सी बातें | हिंदी कविता

 📘 कविता परिचय: "नोक-झोक, कल की बातें" 🌿

 मेरी कविता जीवन की उन छोटी-छोटी नोकझोंक और बीते कल की बातों को दिल से निकालने की एक कोमल कोशिश है। इसमें आत्मचिंतन, सुधार करके आगे बढ़ने का सुंदर संदेश छुपा है। ✨

🌼 हमारी भावनाएँ:

हमारी कलम हमें याद दिलाती हैं कि— 👉 हर गलती एक सीख है,

👉 हर कांटा एक फूल की राह है,

👉 और हर कल बीत जाने के बाद, नई एक महक आती है। 🌹

मेरी कविता न केवल बीते कल की भावनाओं को समझने की बात करती है, बल्कि माफ करने, जीवन में फिर से मुस्कुराने और रिश्तों को संजोने का भी निमंत्रण देती है।

🕊️ "आज मर के, जी जाते हैं ना" — इस एक पंक्ति में जीवन की गहराई समाई है।

कविता सिखाती है कि नोकझोंक को पीछे छोड़, आगे बढ़ना ही असली जीवन है।

🤝आओ मिलकर शुरू करे कुमार✍️ गुप्ता के साथ कविता

🌸 नोक-झोक, कल की बातें 🌸


ओ सर कल की बातें,

भूल जाते हैं ना । 😌

अपनी गलतियों से,

कुछ सीख जाते हैं ना । 📘


गाड़ी तो बदल नहीं सकते,

रास्तों पे संभल,

जाते हैं ना । 🚗🛤️


👉 कांटे होंगे,

तभी ना फूल आएंगे, 🌹

गुलाब सबको पसंद है ना ।


ओ सर कल की बातें,

भूल जाते हैं ना । 🕊️

कभी उन पेड़ों से,

लिपट जाते हैं ना। 🌳💫


👉 ओ सर कल फिर से,

खुशबू आएंगी, 🌼

आज मर के,

जी जाते हैं ना। 💔➡️💖


ओ सर कल की बातें,

भूल जाते हैं ना। ✨


✍️ कुमार गुप्ता

बीते कल को भूल, नई उम्मीदों के साथ जीना सीखिए एक प्रेरणादायक कविता!
"बीते कल को भूल, नई उम्मीदों के साथ जीना सीखिए –
 एक प्रेरणादायक कविता"








👉यहाँ कविता "नोक-झोक, कल की बातें" के मुख्य बिंदु हैं:-

🕊भूतकाल को भूलना

  • कविता यह संदेश देती है कि हमें बीती बातों और कलह को भुला देना चाहिए।
    ("ओ सर कल की बातें, भूल जाते हैं ना।")

  • गलतियों से सीखना
    गलतियाँ जीवन का हिस्सा हैं, उनसे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
    ("अपनी गलतियों से, कुछ सीख जाते हैं ना।")
  • परिस्थितियों में ढलना
    जब हम हालात नहीं बदल सकते तो हमें रास्ते को समझदारी से अपनाना चाहिए।
    ("गाड़ी तो बदल नहीं सकते, रास्तों पे संभल जाते हैं ना।")
  • संघर्ष में सौंदर्य देखना
    कांटे हैं तो फूल भी होंगे – कठिनाइयाँ ही सुंदर जीवन का रास्ता खोलती हैं।
    ("कांटे होंगे, तभी ना फुल आएंगी।")
  • प्रकृति से अपनापन
    भावनात्मक जुड़ाव और सुकून प्रकृति से भी पाया जा सकता है।
    ("कभी उन पेड़ो से, लिपट जाते हैं ना।")
  • नई शुरुआत की उम्मीद
    आज का दुख भी कल नई खुशबू और उम्मीद ला सकता है।
    ("कल फिर से, खुशबू आएंगी।")
💖 जहां भावनाएं बहती हैं, वहां शब्द रुकते नहीं…
अगर आपको ये कविता पसंद आई,
तो चलिए कुछ और जज़्बातों की गलियों में साथ चलते हैं... 🌸👇नीचे वीडियो जरूर देखें! 
📜 मेरे दिल से निकली कुछ और पंक्तियां:
  • कहानियों का मनोरंजन
  • 👉My poetry is translated from Hindi to English for better understanding and collaboration

    Disagreements and Yesterday’s Tales

    Oh sir, the matters of yesterday,
    We do forget them, don’t we?

    From our mistakes,
    We do learn something, don’t we?

    We can’t change the vehicle we ride,
    But we do tread carefully on the roads ahead, don’t we?

    👉 There must be thorns,
    Only then do the flowers bloom—
    After all, everyone loves the rose, right?

    Oh sir, the matters of yesterday,
    We let them go, don’t we?

    Sometimes, we even hug those trees—
    The silent witnesses of our emotions, don’t we?

    👉 Oh sir, tomorrow again,
    Fragrance will return,
    By dying today,
    We truly live again, don’t we?

    Oh sir, the matters of yesterday,
    We do forget them, don’t we?

    Kumar✍️ Gupta

    #बीते कल को भूल, #नई उम्मीदों के साथ जीना सीखिए, #सीख और अनुभव



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