🌸 कविता परिचय – "खेत तुम्हारी" 🌾💌
ये कविता सिर्फ राखी की नहीं,
ये उस पवित्र रिश्ते की वर्षा है ☔💖
जहाँ एक बहन का प्रेम –
सावन की तरह हरियाली लाता है 🌿
और एक भाई – खेतों में बिछे बीजों की तरह
उस प्रेम को संघर्ष और समर्पण से सींचता है। 👨🌾❤️
✨ “मन में है जो बंधन का डोर,
राखी खींचे ओर छोड़।” 🧵🎁
ये कविता उस भावनात्मक लम्हे की है 🫶
जब भाई दूर होता है,
पर बहन की राखी उसे
हर भाद्र मास में खींच ही लाती है। 🕊️🌧️
भाई के खेत 🌾, बहन की कलाई 🪢,
और सावन की रिमझिम 🌦️ —
तीनों मिलकर रचते हैं एक ऐसा प्रेम-संगीत 🎶
जो जनमों के बंधन को और मजबूत कर देता है। 🤝💞
मेरी कविता उस भावना को लिखती है—
जहां कभी बहन ने भाई को हाथ पकड़ कर ,
पढ़ना -लिखना सिखाया था
सच में भाई-बहन के रिश्ते में ,
ना कोई दूरी रहती है, ना मजबूरी 🛤️❌
सिर्फ एक विश्वास…
जो राखी की डोर से हर साल नया रंग लेता है। 🎨🧶
फूल खिले मन में,
शूल चुभे आंगन में,
सावन आया संग में,
उमंग जगे मन में।
भैया आया संग में ,
संदूक लाया संग में,
आस छुपाए बैठी थी,
मेरी प्यारी बहन मे।
फीके पड़ गए,
मेरे घर की आंगन,
सुनी पड़ गई,
घर की दर्पण।
👉गुम हो गई बहन की आहट,
रूठी कलाई नहीं रही ताकत।
अधूरी रह गई बातें हमारी ,
तुम कैसी हो बहना प्यारी।
मुझसे पता पूछ रही है ,
ये बेचारी सखिया तुम्हारी ।
गरजे बादल बरसे पानी ,
तेरी बचपन की यादें पुरानी ।
नाचे तू घूमराए बादत ,
भागू पीछे तेरे पिछे,
मैं था पागल ।
भैया तेरी ममता की,
पंछी ठहरी ।
गगन में उड़ी तो,
तुझसे रिश्ता गहरी।
👉पंख नहीं पड़,
गांठ है भारी।
चिड़िया चुग गई,
खेत तुम्हारी।
ए सावन तू संदेशा पहुंचा दे,
भाई को बहना से मिला दे।
भाद्र मास में कलाई सजाई दे,
उपहार देकर
एक दूजे के मन में ,
खुशियां जगा दे।
मन मे है जो,
बंधन का डोर,
राखी खीचे ओर छोड़।
भाई बहन के बंधन है ,
जन्मो जन्मो की मजबूत डोर
कुमार✍️ गुप्ता
![]() |
राखी सिर्फ एक धागा नहीं, यह बचपन की यादों से जुड़ा एक अनमोल रिश्ता है। |
📌 कविता के मुख्य बिंदु:
- सावन और रक्षाबंधन का आगमन:
- कविता की शुरुआत सावन के मौसम और उमंग भरे वातावरण से होती है।
- यह मौसम भाई-बहन के प्रेम की यादें ताज़ा कर देता है।
भाई की भावनाएँ:
भाई अपने बचपन की यादों में खो जाता है।
बहन की कमी और उसकी यादें उसे व्यथित करती हैं।बहन की कमी और उसकी यादें उसे व्यथित करती हैं।
बहन की अनुपस्थिति:
अब घर सूना लगने लगा है, आँगन और दर्पण फीके पड़ गए हैं।
बहन की चहक और रक्षाबंधन की रौनक गायब है।बहन की चहक और रक्षाबंधन की रौनक गायब है।
यादों की गहराई:
भाई को बहन की पुरानी बातें, खिलखिलाहट, और उसके साथ बिताया गया समय याद आता है।
उसके बिना रक्षाबंधन अधूरा लगता है।उसके बिना रक्षाबंधन अधूरा लगता है।
भावनात्मक जुड़ाव:
भाई को बहन की ममता, उसका अपनापन याद आता है।
उनके रिश्ते को "जन्मों-जन्मों की मजबूत डोर" बताया गया है।संदेशवाहक सावन:
भाई सावन से गुजारिश करता है कि वह बहन तक उसका संदेश पहुंचाए।
वह चाहता है कि रक्षाबंधन पर दोनों फिर से मिलें और खुशियाँ लौट आएं।
बंधन का महत्व:
अंत में यह बताया गया है कि राखी का डोर केवल धागा नहीं, बल्कि आत्मीयता और अटूट प्रेम का प्रतीक है।🌿
अगर ये कविता आपके मन को छू गई हो,मैं चाहता हूँ कि रक्षाबंधन पर दोनों फिर से मिलें और खुशियाँ लौट आएं।
बंधन का महत्व:
अंत में यह बताया गया है कि राखी का डोर केवल धागा नहीं, बल्कि आत्मीयता और अटूट प्रेम का प्रतीक है।🌿
अगर ये कविता आपके मन को छू गई हो,
👇👇📚✨
🌙 कभी-कभी कुछ लफ़्ज़ दिल में उतर जाते हैं…
अगर ये रचना आपको छू गई हो,
तो नीचे दी गई कुछ और कविताएं भी
आपके जज़्बातों को आवाज़ दे सकती हैं... 💌✨
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🌸 A Rakhi for Memories 🌸
By Kumar✍️ Gupta
Flowers bloom in the heart,
While thorns pierce the courtyard.
Monsoon arrives with cheer,
Bringing joy, drawing memories near.
Brother comes with treasure in hand,
And hope in his sister’s eyes still stands.
But silence fills the lively ground,
The mirror of home no echo found.
The sound of her steps is gone,
Her rakhi waits—its strength withdrawn.
Words between us left unsaid,
Oh dear sister, where have you fled?
👉Your friends now seek your trace,
Longing for your warm embrace.
Clouds thunder, the rains do pour,
Your childhood memories knock my door.
You danced with joy in monsoon’s grace,
I chased you then, lost in that race.
Your love, dear sister, was like a bird,
Resting in my heart, without a word.
When you flew high in the sky so wide,
Our bond grew deeper, far and wide.
👉No wings now, just burdens tight,
Like sparrows that vanished in the night.
O monsoon, carry my plea,
Let my sister come back to me.
This Bhadramas, tie the thread once more,
Bring back gifts, and love we store.
The thread of bond in our soul,
Pulls us near, keeps us whole.
This tie of love, pure and true,
Is stronger than lifetimes—me and you
By Kumar✍️ Gupta
👍"राखी सिर्फ एक धागा नहीं, यह बचपन की यादों से जुड़ा एक अनमोल रिश्ता है।"
#वो आंगन, #वो बातें, #वो चूड़ियों की खनक #इस रक्षाबंधन बहन की यादें #फिर से जी ली जाएं
#एक धागा हज़ारों जज़्बात,
#कलाई सूनी है पर यादें पूरी है,
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