कविता परिचय: "आंखों की मासूमियत और मोहब्बत की नज़ाकत"
कुछ एहसास ज़ुबां से नहीं,
सिर्फ आंखों से बयां होते हैं... 👁️❤️
यह कविता उन नज़रों के इश्क़ की दास्तान है,
जो न शब्द मांगते हैं, न वादे,
सिर्फ एक झलक में जिंदगी की मिठास घोल देते हैं।
📜 "ये जनाब अब उतावले नहीं,
आपकी आंखों की भाषा ही पढ़ते हैं..."
ये पंक्ति दर्शाती है कि सच्चा प्रेम मौन में भी महसूस होता है,
और जब इज्ज़त से मोहब्बत झुके,
तो रूह सजदे में उतर जाती है। 🙏
✍️ मेरी कविता में:-
मासूमियत है जो आंखों से छलकती है,
नज़ाकत है जो मोहब्बत को पाक बनाती है,
और एक शायर है जो सिर्फ महसूस करता है —
चुपचाप, मगर बेइंतहा।🕊
🤝आओ शुरू करे कुमार✍️ गुप्ता के साथ
📝 आंखों की मासूमियत और मोहब्बत की नज़ाकत
लोग उनकी आंखों की मासूमियत पढ़ते हैं 👀💫
ये हैं जनाब,
जो सिर्फ आपकी आंखों की भाषा ही पढ़ते हैं 💞📖
ये पहले बहुत उतावले थे 😄🔥
अब तो आपको देखकर,
धीमे और संजीदा लगते हैं 😌🌙
इतनी इनायत है चांद को 🌕
छूने से पहले जनाब,
आपके कदम चूमते हैं 👣💐
बहुत मुद्दतों बाद आप मिली हो ⏳❤️
👉 आपकी सजदे में, इनकी सलाम झुकते हैं 🙏✨
मुकम्मल बनाए रखना, ये आपकी फर्ज़ है 🤲
कांटों पे ही फूल खिलते हैं 🌹🌵
चाहा तो भी क्या चाहा,
बारिशों में हर जाम से, 👉
ये जनाब डरते हैं ☔🍷😨
जब भी बिखेरो जुल्फें तो,
ये जनाब काली घटा से डरते हैं 🌧️🖤
फिर लोग उनकी आंखों की मासूमियत पढ़ते हैं... 👁️💘
🪶 रचनाकार: ✍️ कुमार गुप्ता
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जब आँखें बोल उठें — मासूमियत, प्यार और कविता के , एहसास से जीवन को आधार मिलता है। |
कविता के मुख्य बिंदु:👇
आंखों की मासूमियत:
- कविता में बताया गया है कि किसी व्यक्ति की आँखों की मासूमियत से उसकी भावनाएँ और उसके मन की भाषा को समझा जा सकता है। यह मासूमियत उनकी सच्चाई और भावुकता को दर्शाती है।
- जनाब पहले बहुत उतावले थे, लेकिन अब वे प्यार में धैर्यवान और समझदार हो गए हैं। वे अब प्रियजन को देखकर शांत और संयमित हो जाते हैं।
- जनाब अपने प्यार को बहुत सम्मान देते हैं। कविता में यह भी दिखाया गया है कि वे अपने प्रिय की कदमों को चूमते हैं और सजदे में झुकते हैं, जो उनके गहरे सम्मान को दर्शाता है।
- कविता में बताया गया है कि रिश्तों को मुकम्मल बनाए रखना हमारा फर्ज है। कांटों के बीच भी फूल खिलते हैं, यानी मुश्किल हालात में भी रिश्तों की खूबसूरती बनी रह सकती है।
- जनाब बारिश और काली घटा (अंधेरी घटा) से डरते हैं, जो उनकी नाज़ुक फीलिंग्स और संवेदनशील स्वभाव को दर्शाता है।
प्यार की नज़ाकत:
- जब भी प्रियजन अपनी जुल्फें बिखेरते हैं, जनाब उस काली घटा से डरते हैं, मतलब वे अपनी मोहब्बत की नाज़ुकता और उसकी कद्र करते हैं।
कुमार गुप्ता!
- यादों की नदी,बरसात-सा जीवन,सागर की ओर,संग संग चलो :- 👉मेरा जीवन नदिया की पानी है।
- अकेलापन,सामाजिक भावनाएँ,लेखन मेरा जुनून:- 👉शब्दों में बसता हूँ, पर किसी की सोच में नहीं ।
- नफरत से परे,तेरी बाहों में सुकून,ख़्वाब और कफन,तेरी तलाश में:- 👉छांव तेरी गेसुओं की
- पलकों से बहती ज़िंदगी, वादे और वक़्त, जिंदगी के मोड़ पर:- 👉खामोशी की जुबां
- मौन प्यार, अनकही बातें,दर्द जो शब्दों में नहीं ढलता,दिल की बात, अल्फाज़ से परे:- भावनात्मक गहराई और आत्मीयता
- स्त्री के संघर्ष, त्याग और समाज की सच्चाई को दर्शाने वाली एक मार्मिक कविता, जो गहराई से सोचने पर मजबूर कर देती है।:- 🖋️ औरत की अजीब दास्तान
- तक़दीर की मुलाक़ात: इश्क़, यादें और फसाने की अनमोल शायरी :👉 कुछ मुलाक़ातें तक़दीर से होती हैं
👉My poetry is translated from Hindi to English for better understanding and collaboration
People read the innocence in their eyes—
Yes, dear, they only understand the language of your eyes.
👉Once, they were restless and eager,
Now, just seeing you, they seem calm and at ease.
Such kindness does the moon possess,
Before touching it, they bow to your footsteps.
After such a long time, you met,
They bow in respect at your feet.
Keeping this love complete is your duty,
For even flowers bloom on thorny paths.
No matter how much they desire,
They fear the storms in every downpour.
Whenever you toss your hair,
They fear the dark clouds it summons.
Again, people read the innocence in their eyes.
— Kumar Gupta
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