✨ कविता परिचय:
“अपनी राह, अपनी रफ्तार” एक प्रेरणादायक और आत्म-विश्वास से भरपूर कविता है, जो जीवन में स्वतंत्र सोच ✨, निरंतरता 🚶♂️ और अपने रास्ते खुद तय करने की भावना को दर्शाती है।
इस कविता का जन्म उस क्षण हुआ, जब रचनाकार ने अपने ऑफिस फेयरवेल 🏢🎉 पर दिल से उन भावनाओं को व्यक्त किया, जिन्हें शब्दों में बयां करना आसान नहीं था।
💖 यह सिर्फ एक कविता नहीं, बल्कि उस सफर की निशानी है जहाँ साथियों का साथ था, यादें थीं, और एक नई राह की शुरुआत भी।
🛶 यह कविता किसी नदी के प्रवाह की तरह है — जिसमें रुकना मना है, पीछे मुड़ना मना है, और दूसरों की सीमाओं में बंधना मना है।
💫 यह हमें यह सिखाती है कि चाहे रास्ते कठिन हों, मगर जब आपकी कश्ती, पतवार और दिशा आपके हाथ में हो — तो मंज़िल जरूर मिलेगी।
📜 “अपनी राह, अपनी रफ्तार” एक आत्म-मंथन भी है, और आत्म-निर्माण भी — और हर उस इंसान के लिए है जो अपनी पहचान खुद बनाता है।
आओ शुरू करे कुमार✍️ गुप्ता के साथ कविता
अपनी राह, अपनी रफ्तार
धीरे-धीरे चलना
रास्तों से कहना..
हमें जाना है उस पार
मत रोको मेरी रफ़्तार...
रास्ते में है,
सबका प्यार..
मत रोको मेरी रफ़्तार...
माना कि रस्ते
मुश्किल होते हैं...
फिर भी मंजिल..
हासिल होते हैं.....
बहना पानी के संग - संग
प्यासो के भी..
दिल होते हैं...
चलना बस चलते रहना...
चाहे कुछ भी हो...
सब सहते रहना..
पग - पग पे,
लुटाना अपनी प्यार....
कहना इसको कहते हैं...
इसी पे सब हंसते हैं....
यही है तेरी..
अपनी धार.....
मेरी मुस्कुराहट पे..
ना साधो कोई तलवार....
तुझको बह जाना है.
तुझको बहते ही जाना है...
ना हो कोई
सीमाओं पे विस्तार...
तेरी हो खुद की.
अपनी कश्ती अपनी पतवार....
👉प्रचलित गतियां से बचाना..
अपनी पथ खुद ही रचना....
अपनी रचना में तुझको....
झलकेगी जीवन संरचना...
अपना पथ अपना होगा...
अपना रथ अपना होगा...
अपनी ही होगी फिर रफ्तार...
अपनी कश्ती अपनी पतवार...
जाकर कहना एक दिन..
यहां भी तेरी थी संसार..
किनारे अद्भुत थे..
नहीं थी लहरों पे
साहिल की इंतजार...
मुस्कुरा के बढ़ गई है...
तेरी रफ्तार...
रास्ते में है सबका प्यार....
💫उज्जवल भविष्य की,
कामना करते हैं...
यही है हम सबकी विश्वास...
कुमार✍️ गुप्ता
कविता के मुख्य बिंदु
- धीरे-धीरे चलना – जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा।
- रास्ते में प्यार का एहसास – यात्रा में साथ देने वाले लोग और उनकी शुभकामनाएँ।
- मुश्किल राहों के बावजूद मंज़िल पाना – कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन लक्ष्य हासिल होते हैं।
- नदी की तरह प्रवाह में रहना – निरंतर आगे बढ़ने की सीख।
- स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता – अपनी गति, अपनी पहचान।
- भावनाओं की गहराई – मुस्कुराहट को बनाए रखना और चुनौतियों से न डरना।
- अपने रास्ते खुद बनाना – प्रचलित सीमाओं से हटकर अपनी राह चुनने की प्रेरणा।
- उज्जवल भविष्य का संदेश – विश्वास और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा।
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प्रेरणात्मक हिंदी कविता जो आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर होने की भावना को दर्शाती है। |
🌿 अगर ये कविता आपके मन को छू गई हो,
- टीमवर्क और व्यापार वृद्धि,भविष्य की उत्पादन तकनीक,कार्यस्थल में सुरक्षा :- 👉प्रोडक्शन का व्यापार, रोजी-रोटी और समाज की प्रगति का आधार।
- खेल और तजुर्बा, जीवन की दो राहें :- 👉झुकती नहीं कलम, रुकता नहीं खेल
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My poetry is in English language from my Hindi Content for better understanding with collaboration.
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