💬 कविता परिचय – "तुझ से मेरा एतबार था"
जब किसी पे आँख मूंद के एतबार किया जाए,
और वही शख्स खामोशी से हाथ छुड़ाकर चला जाए —
तो दिल सिर्फ टूटता नहीं,
बल्कि हर धड़कन उसी की तलाश में भटकने लगती है।
🪞 इस कविता में हमने ये बताने की कोशिश की है —
भरोसे को उसी ज़मीन पर बिखरते देखा,
जहां हर आईना उसकी तलाश में गवाही देता है,
और हर रास्ता अब भी खाली लगता है।
💭 "तुझ से मेरा एतबार था"
एक ऐसी शायरी है, जो जिसने किसी को सच में खोया है,
उनकी आंखें भी नम कर देगी,
और दिल की गहराइयों को छू जाएगी।
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💔 "तुझ से मेरा एतबार था..." जब भरोसा टूटा, तब कलम ने लिखा — एक ऐसी शायरी जो दिल से निकली... और आत्मा तक पहुँची। ✍️ कुमार गुप्ता 🌐 Yashswarg.blogspot.com |
आओ शुरू करें —
✨ कुमार✍️ गुप्ता की रूह से निकली एक सच्ची पेशकश
🕯️🖤📜 कविता🕯️ तुझ से मेरा एतबार था,
मेरे दिल पे तेरी ही राज था।
🔍 ढूंढता है दिल की,
इस कदर दर-बदर,
हर 🪞 आईने में,
तेरी ही तलाश था।
तुझ से मेरा एतबार था।
🤲 छुड़ा के हाथ,
इस कदर चल दिए,
हर 🍷 जाम से,
दिल अनजान था।
🛤️ जाए हम कहां,
सुझता नहीं,
मेरी राह में,
कोई दूसरा नहीं।
💔 तुझ से मेरा एतबार था।
🕯️ तुम खो गए तुम,
लौ जला भी नहीं।
🚶♂️ दो कदम का साथ था,
और रास्ता भी नहीं।
⛵ किनारे पे लुट गया,
दरिया भी पास था।
🕊️ तुझ से मेरा एतबार था।
तुम ना रहे तो,
🏜️ रेत बन गया,
रेत बन के,
शूल चढ़ गया।
💭 ख्वाबों के थे सपने,
😔 नींद खुल गई तो,
सब टूट गया।
🖤 तुझ से मेरा एतबार था,
मेरे दिल पे तेरी ही राज था।
— ✍️ कुमार गुप्ता
📝 कविता के मुख्य बिंदु
1️⃣ 💔 टूटे हुए भरोसे की पीड़ा:
जब जिस पर सबसे ज़्यादा विश्वास हो, वही साथ छोड़ दे —
तो दिल नहीं, एतबार टूटता है।
2️⃣ 🛤️ अधूरी मोहब्बत और छूटा साथ:
"दो कदम का साथ था, और रास्ता नहीं" —
यह पंक्तियाँ बताती हैं कि साथ चाहे छोटा हो, असर बहुत गहरा छोड़ जाता है।
3️⃣ 🪞🚶♂️ तलाश और खालीपन:
हर आईना, हर मोड़, हर रास्ता
अब सिर्फ उसकी तलाश करता है, जो खामोशी से दूर चला गया।
4️⃣ 🖤🌌 रूहानी टूटन और बिखराव:
सपनों की नींद, सुकून की साँस —
सब कुछ बिखर जाता है जब दिल से जुड़ी रूह टूटती है।
5️⃣ ✨📖 गहराई से जुड़ी भावनात्मक सच्चाई:
"तुझ से मेरा एतबार था"
उन सभी के लिए है जिन्होंने कभी किसी को पूरे दिल से चाहा... और फिर खो दिया।
🌿 अगर ये कविता आपके मन को छू गई हो,
तो नीचे दी गई और रचनाएं भी आपके दिल को ज़रूर छुएंगी... 💭💚
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ये रहे “तुझ से मेरा एतबार था”प्रेरणात्मक कविता के मुख्य उपदेश:
👉विश्वास और टूटन: कविता की शुरुआत एक गहरे भरोसे से होती है, जो धीरे-धीरे टूटता है और दिल में एक खालीपन छोड़ जाता है।
👉खोज और भटकाव: कवि अपने खोए हुए रिश्ते को हर आईने और रास्ते में तलाशता है, जिससे उसकी अधूरी चाहतें झलकती हैं।
👉अकेलापन और आत्मचिंतन: बिछड़ने के बाद की तन्हाई उसे खुद से जोड़ती है, जहाँ वह अपने भीतर की आवाज़ सुन पाता है।
👉दर्द में छुपी ताकत: कविता यह संदेश देती है कि टूटकर भी इंसान दोबारा संवर सकता है—दर्द को सहकर आत्मबल जागता है।
👉टूटे सपनों से नयी शुरुआत: अधूरी नींदों और बिखरे ख्वाबों के बीच एक नई उम्मीद जन्म लेती है—यह कविता जीवन को फिर से जीने की प्रेरणा देती है।
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👉My
poetry is translated from Hindi to English for better understanding and
collaboration.
I Trusted You
I had faith in you, My heart beat to your reign.
Restless, my soul kept searching— Through shattered mirrors and empty
streets, It longed only for your name. Yes, I truly trusted you.
You let go of my hand so easily, And left me unaware, Unfamiliar with every
glass of joy.
Now, where do I go? No road feels like mine. In this entire path, There’s no
one else—just shadows.
I trusted you.
You faded away, And no light replaced you.
👉We walked just two
steps, Yet no journey remained.
I was wrecked at the shore, Even as the ocean stood near.
I trusted you.
Now that you're gone, I've turned into dust— Dust that climbs like thorns.
👉My dreams once held
hope, But waking up, they all vanished. Still, I trusted you.
My heart… was ruled by you.
Kumar✍️ Gupta
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