कविता के माध्यम से, समाज का मार्गदर्शन!

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✍️ कुमार गुप्ता

कौन हो तुम | भावनात्मक प्रेम कविता

 📖 कविता परिचय: "कौन हो तुम" 💫

"कौन हो तुम" एक रहस्यपूर्ण और रोमांटिक अनुभूति से भरी कविता है, जो आत्मा के गहरे स्तर से उठते एक सवाल को खूबसूरती से शब्दों में पिरोती है। इसमें प्रेम की हलचल, अधूरी चाहत, और एक अनकहे रिश्ते की गहराई दिखती है। ❤️‍🔥

🌀 मेरी कविता उस "अनदेखी मौजूदगी" की बात करती है, जो हर सांस, हर ख्वाब, और हर धड़कन में बसे होने का एहसास दिलाती है — लेकिन फिर भी उसका चेहरा धुंधला सा है।

🌙 जब कोई सिर्फ ख्वाबों में नहीं, नींद में भी जगा दे, जब उसके शब्द दिल की धड़कन बन जाएं — तब मन सवाल करता है:

"आख़िर कौन हो तुम?"

📌हमारी कविता मुख्य भाव है:

प्रेम की गहराई और आत्मीय जुड़ाव 🧡

एक ऐसे रिश्ते की तलाश है जो शब्दों से परे है 🌌

ख्वाबों से हकीकत की ओर यात्रा 🚶‍♂️

🖋️ मेरी इस✍️रचना में प्रेम, आत्मा और आत्म-चिंतन का सुंदर संगम है — जहाँ पाठक को भी अंत में यही लगने लगता है कि "शायद ये सवाल सिर्फ कवि का नहीं, हमारा भी है।"

🤝आओ शुरू करे कुमार✍️ गुप्ता के साथ कविता

🌠 कौन हो तुम 🌠

 

💨 तेरी सांसे 

मुझे होकर जाती है ।

🌙 नींद के ख्यालों में, 

क्यूं मुझे जगाती है ।

 

💞 तू ऐसा क्यूं करती हो ,

👉 सिलसिला को बढ़ाना है ,

🚶‍♂️ सफर साथ में है ,

🎯 और मंजिल को पाना है।

 

💬 तू ऐसा क्यूं कहती हो।

❤️‍🔥 मेरी धड़कन में, 

तुम रहती हो।

🌹 अपने दिल से तुम कहती हो,

🕊️ नाम लेकर मेरी ,

तू  क्यूं आहें भरती हो।

 

❓ ऐसा तुम क्यूं  करती हो ,

🤝 👉 साथ-साथ जीना है

🪦 👉 साथ-साथ मरना है

💭 तू ऐसा क्यूं कहती हो,

⏳ सफर का वक्त बिताना है

🌅 ख्वाबों से उठकर

🚪 अब मुझे जाना है ।

👀 देखूं तुझे तो पहचाना है।

 

🌌 आख़िर कौन हो तुम,

🪞 जब भी झाकू अंदर तो ,

❤️ फिर तुझको ही पाना है।

 

✍️ कुमार गुप्ता

एक रहस्यमयी प्रेम कविता जिसमें कवि अपनी आत्मा में बसी एक अजनबी को खोजता है — सांसों, ख्वाबों और धड़कनों में उसकी मौजूदगी को महसूस करता है।
कुछ रिश्ते रूह से जुड़ते हैं..
 साँसों में, ख्वाबों में, और हर ख़ामोशी में बस वही मिलते हैं —
जब भी खुद में झाँकता हूँ, बस तुम ही मिलती हो।
👉कविता के प्रमुख बिंदु :

1. रहस्यमयी प्रेमिका की खोज – कवि उस शख्स से सवाल करता है जो उसकी सांसों, धड़कनों और ख्वाबों में समाई हुई है: कौन हो तुम ?
2. नींद और ख्वाबों का संघर्ष – वह नींद में भी उसकी यादों से जगता है, जैसे कोई लगातार उसे पुकार रहा हो।
3. साथ चलने की इच्छा – कवि उस रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहता है, साथ जीने और मरने की बात करता है।
4. आत्मिक जुड़ाव – प्रेम सिर्फ भावनात्मक नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ा प्रतीत होता है – उसकी धड़कनों में वही बसी है।
5. यात्रा और मंज़िल – कविता में एक सफर और मंज़िल की बात है, जो दोनों को साथ मिलकर तय करनी है।
6. खुद की पहचान में वही – जब कवि खुद में झांकता है, तो भी वही रहस्यमयी स्त्री उसे मिलती है, मानो वह उसकी आत्मा का हिस्सा हो।
🌿 अगर ये कविता आपके मन को छू गई हो,
तो नीचे दी गई और रचनाएं भी आपके दिल को ज़रूर छुएंगी... 💭💚
👇👇📚✨ 

  • दर्द भरी कविता
  • 👉My poetry is translated from Hindi to English for better understanding and collaboration

    Who Are You?

    Who are you…
    that my every breath
    feels like it belongs to you?

    In dreams of sleep,
    why do you awaken me so gently?
    Why do you do this?

    👉You speak of ending it,
    but this journey is ours,
    this path is together,
    and the destination is yet to be reached.
    Why do you speak this way?

    You live in my heartbeat,
    I hear your voice within my soul.
    Calling my name softly,
    why do you sigh like that?

    👉Why do you keep doing this?
    We were meant to live together,
    to walk side by side till the end.
    So why these words of parting?

    Time must be spent in this journey,
    and now, rising from dreams,
    I must move forward.
    And when I see you —
    I know, I've known you forever.

    Who are you, truly?
    Every time I look within,

     Kumar✍️Gupta
    #Love #Who #sirftum

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