🔥 कविता परिचय 🚨
“किसने घंटी बजाई... और आवाज़ हो गई”
ये कविता नहीं एक वर्दीधारी योद्धा की ,
ज़िन्दगी की गवाही है।
जिसे मैंने खुद लिखा और महसूस किया है —
जहाँ टन-टन की आवाज़, सिर्फ घंटी नहीं —
किसी की जान बचाने की पुकार होती है। 🧯
मेरी कविता उसी पल की है,
जब फ़ायर स्टेशन में आपातकाल की शुरुआत होती है,
और फायर सेफ्टी टीम बिना थके,
🔥 आग की लपटों से लड़ती है
💧 पानी की बौछारों से ज़िंदगी को बचाती है।
👉 “सेल्यूट तो जाता है
फायर सेफ्टी टीमों को…” 👨🚒
हर शब्द में है –
जोश, जज़्बा और ज़मीनी हकीकत।
और अंत में —जहाँ झाग नहीं…
सच्चाई से भीगी हुई थकान धोई जाती है।
🧼 ये कविता उस पल को सलाम करती है,
जब कोई कहता है —
“किसने घंटी बजाई... और आवाज़ हो गई।”
कार्य करते समय ,
ओए क्या बात हो गई।
किसने घंटी बजाई और
आवाज हो गई ।
👉धैर्य की परीक्षा की ,
शुरुआत हो गई ।
छोड़ो काम काज ऐ भैया ,
आपातकालीन पस्थिति की,
आगाज हो गई ।
MCP गीरा के ,
स्टेयर केस से,
भाग दौड़ की,
शुरुआत हो गई ।
मैसेज को फैला दो ,
हालत को बता दो ,
वरना जिंदगी में ,
रात हो गई ।
👉कार्य करते समय ,
और क्या बात हो गई ।
किसने घंटी बजाई और
आवाज हो गई ।
आग फैल रही है ,
धुआं निगल रही है ।
जो फंस गए हैं उनकी ,
सांस कष्ट की शुरुआत हो गई ।
पल भर में ,
जिंदगी हताश हो गई ।
कार्य करते समय,
और क्या बात हो गई ।
किसने घंटी बजाई और ,
आवाज हो गई।
101 वाली ,
डायल नंबर पे,
बात हो गई ।
गाड़ी चल पड़ी तो,
फायर स्टेशन से,
टन टन की आवाज हो गई ।
आपातकालीन पस्थिति की ,
आगाज हो गई ।
👉फायर रेस्क्यू टीम आई ,
और पानी की बौछार हो गई ।
जंग जारी थी और ,
रेस्क्यू ऑपरेशन की ,
शुरुआत हो गई ।
शांत हुई अग्नि और,
बिन झागो वाली साबुन से ,
फायर सेफ्टी टीम की ,
बॉडी साफ हो गई ।
कार्य करते समय और,
क्या बात हो गई ,
किसने घंटी बजाई और
आवाज हो गई ।
सेल्यूट तो जाता है,
फायर सेफ्टी टीमों को ,
👉बुझा के अग्नि और ,
जनगणना की शुरुआत हो गई ।
धैर्य की परीक्षा ,
पास हो गई।
किसने घंटी बजाई ,
और आवाज हो गई ।
कार्यस्थल पर सतर्कता जरूरी है – काम करते समय अचानक आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
अलार्म बजना खतरे का संकेत है – घंटी की आवाज़ एक चेतावनी है कि कोई अप्रत्याशित घटना घट रही है।आपातकालीन प्रतिक्रिया में समय की भूमिका अहम है – जैसे ही आग लगती है, फौरन रेस्क्यू और प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है।
फायर सेफ्टी टीम का योगदान सराहनीय है – अग्निशमन दल की तत्परता और साहस जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
धैर्य और शांति बनाए रखना ज़रूरी है – ऐसी स्थिति में घबराहट से बचना चाहिए और निर्देशों का पालन करना चाहिए।
सुरक्षा जागरूकता जरूरी है – आपदा के समय सुरक्षा उपायों की जानकारी और अभ्यास जीवनरक्षक सिद्ध हो सकते हैं।
जनता और कर्मचारियों की भागीदारी जरूरी है – सभी को सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए और मदद हेतु तत्पर रहना चाहिए।
"101" जैसे आपातकालीन नंबर याद रखें – संकट के समय तुरंत संपर्क करना महत्वपूर्ण होता है।
🌿 अगर ये कविता आपके मन को छू गई हो,
- जागरूक रहें,अग्नि दुर्घटनाओं से बचें,सावधानी में ही सुरक्षा है! :- 🔥 आग से सतर्कता, जीवन की सुरक्षा 👈
- हर कदम सोच-समझकर बढ़ाइए, जीवन की राह में आग भी है और अपने भी आग और जीवन की राह में सावधानी और समझदारी का संदेश देती हिंदी कविता – 🔥 सावधानी की राह
- 🔥आग बिना चेतावनी के आती है – सतर्क रहें, ज़िम्मेदार बनें। कुमार गुप्ता की प्रेरणादायक कविता जो जागरूकता और कर्तव्य का संदेश देती है।:-🔥आग
👉My poetry is translated from Hindi to English for better understanding and collaboration
Safety Awareness
While working, suddenly—
Oh, what’s happening?
Who rang the bell?
And the alarm went off.
A test of patience begins,
The emergency has arrived.
Forget your tasks, dear brother,
An urgent situation unfolds.
From the MCP area,
Down the staircases,
A rush begins,
The panic takes hold.
Spread the message,
Tell everyone what’s wrong,
Or else life might slip away
Into the dark of the night.
While working, again—
Oh, what’s happening?
Who rang the bell?
And the alarm went off.
The fire is spreading,
Smoke is choking,
Those trapped inside
Begin to struggle for breath.
In a moment,
Hope starts to fade.
While working, again—
Oh, what’s happening?
Who rang the bell?
And the alarm went off.
👉Dial 101,
The emergency number,
The fire engine roars,
On its way from the station.
The emergency situation
Has begun.
The fire rescue team arrives,
Spraying water all around,
The battle rages on,
And the rescue operation
Begins.
The fire is finally out,
With soap and water,
The fire safety team
Cleans up and stands proud.
While working, again—
Oh, what’s happening?
Who rang the bell?
And the alarm went off.
A salute to the fire safety teams,
For putting out the flames,
And bringing a new dawn—
A fresh start begins.
The test of patience
Has been passed.
Who rang the bell?
And the alarm went off.
— Kumar✍️Gupta
#Safety team, #firefight, #emergency
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